वह अक्सर कहती
बच्चों की बात को हमेशा
धैर्य से सुनो
वर्ना वह सहनशील
कैसे बन पाएंगे
तुम उन्हें
सुरक्षा देकर तो देखो
कितना विश्वास
उनके मन में
तुम्हारे लिए होगा
वो बता नहीं सकते
उनकी आलोचना मत करो
वह मन में अपने
नकारात्मकता पाल लेंगे,
जब भी अवसर मिले
उत्साह बढ़ाओ उनका वे
आत्मविश्वास से रखेंगे
अपना हर कदम
सत्य और ईमान की बातों से
उनमें न्याय को
पहचानने का गुण उपजेगा
उन्हें सही और गलत का
फर्क हमें ही
समझाना होगा
हमें उपहास से बचाना होगा
उन्हें शर्मिन्दा न होना पड़े
अपने साथियों के बीच
उन्हें सहमति देंगे
जब तभी तो
वो दुनिया को प्यार से
स्वीकार करना सीख पाएंगे ...
हौसले से रखेंगे कदम तो
मुश्किलों से लड़ना सीख जाएंगे ...!!!
बच्चों की बात को हमेशा
धैर्य से सुनो
वर्ना वह सहनशील
कैसे बन पाएंगे
तुम उन्हें
सुरक्षा देकर तो देखो
कितना विश्वास
उनके मन में
तुम्हारे लिए होगा
वो बता नहीं सकते
उनकी आलोचना मत करो
वह मन में अपने
नकारात्मकता पाल लेंगे,
जब भी अवसर मिले
उत्साह बढ़ाओ उनका वे
आत्मविश्वास से रखेंगे
अपना हर कदम
सत्य और ईमान की बातों से
उनमें न्याय को
पहचानने का गुण उपजेगा
उन्हें सही और गलत का
फर्क हमें ही
समझाना होगा
हमें उपहास से बचाना होगा
उन्हें शर्मिन्दा न होना पड़े
अपने साथियों के बीच
उन्हें सहमति देंगे
जब तभी तो
वो दुनिया को प्यार से
स्वीकार करना सीख पाएंगे ...
हौसले से रखेंगे कदम तो
मुश्किलों से लड़ना सीख जाएंगे ...!!!
बिल्कुल सही कहा है ..बच्चों की बात धैर्य से ही सुननी चाहिए .. जिससे वो विश्वास करें आप पर ..
जवाब देंहटाएंएकदम सच्ची बात... सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंसादर...
dhairy se sunenge tabhi unko jaanenge aur samjha payengr...
जवाब देंहटाएंबाल दिवस पर अच्छी भेंट!
जवाब देंहटाएंबाल दिवस पर प्रस्तुत एक सारगर्भित रचना .....
जवाब देंहटाएंहौसले से रखेंगे कदम तो
जवाब देंहटाएंमुश्किलों से लड़ना सीख जाएंगे ...!!!
सुन्दर रचना...
सादर...