मैने तुम्हें जब भी कहा माँ यकी मानों,
सज़दे में सर मेरा हरदम हो जाता है ।
दौर कैसा भी मुश्किल आया हो वहां,
तेरी हर दुआ का असर हो जाता है ।
तुझे धरती कहूं या अम्बर बता मुझे,
तेरा आंचल मेरा सारा ज़हां हो जाता है ।
फिक्र के साये में कटे हर पल तेरा जो,
मेरा हर पल बेफि़क्र हो गुजर जाता है ।
साथ तेरा हो तो खुशियों को खबर होती,
बिन तेरे उदास लम्हा सदा चला आता है ।
बहुत सुन्दर रचना लिख दी है आपने.....
जवाब देंहटाएंतुझे धरती कहूं या अम्बर बता मुझे,
जवाब देंहटाएंतेरा आंचल मेरा सारा ज़हां हो जाता है ।
Bahut Bahut Sunder....
माँ का साया बादल से भी बड़ा होता है ... सदा साथ रहता है ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब ..
सुंदरतम !! लाजबाब !!
जवाब देंहटाएंदौर कैसा भी मुश्किल आया हो वहां,
जवाब देंहटाएंतेरी हर दुआ का असर हो जाता है ।
...लाज़वाब...माँ कब दूर हो पाती है...