गुरुवार, 24 मार्च 2011

कड़ी धूप ...
















दर्द सहकर
मुस्‍कराती है
बहते हैं आंसू
जब मां के
बच्‍चों से छिपाती है
कड़ी धूप में
खुद नंगे सिर हो
तो कोई बात नहीं
दामन से अपने
लाल को ढंककर
झुलसने से बचाती है ...।।

8 टिप्‍पणियां:

  1. माँ की ममता से बड़ी दुनियाँ में कुछ भी नहीं !
    कविता से उठती ममता की प्यारी खुशबू मन को सुवासित कर रही है !
    आभार !

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  2. माँ ऐसी प्यारी ही तो होती है .....सुन्दर कविता

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  3. माँ के प्यार के आगे सब बेकार.

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  4. aapki is rachna ko kavita munch blog par sanjha kiya gya hai sada didi

    bhaskar Sanjay
    http://kavita-manch.blogspot.in/

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  5. माँ ऐसी प्यारी ही तो होती है
    मैं एक Social worker हूं और समाज को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां देता हुं। मैं Jkhealthworld संस्था से जुड़ा हुआ हूं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप भी इस संस्था से जुड़े और जनकल्याण के लिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां लोगों तक पहुचाएं। धन्यवाद।
    HEALTHWORLD

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