पापा आपकी यादों से
आज फ़िर मैंने
अपनी पीठ टिकाई है
पलकों पे नमी है ना
मन भावुक हो रहा है
हर बरस की तरह
आज फ़िर ...
ये तिथि जब भी आती है
बिना कुछ कहे
मन चिंहुक कर
बाते करने लगता है आपकी
कुछ उदासियां
ठहरी हैं मन के पास ही
कुछ ख़्याल बैठे हैं
गुमसुम से !
आज फ़िर मैंने
अपनी पीठ टिकाई है
पलकों पे नमी है ना
मन भावुक हो रहा है
हर बरस की तरह
आज फ़िर ...
ये तिथि जब भी आती है
बिना कुछ कहे
मन चिंहुक कर
बाते करने लगता है आपकी
कुछ उदासियां
ठहरी हैं मन के पास ही
कुछ ख़्याल बैठे हैं
गुमसुम से !
...
कितना कुछ बदला
पर ये मन आज भी
आपके काँधे पे
सिर टिकाये हुये हैै
आप यूँ ही रहेंगे
साथ मेरे जानती हूँ
आपका चेहरा बार-बार
सामने आ रहा है
नहीं संभाल पाती जब
तो उठाकर क़लम
शब्दों के श्रद्धासुमन
अर्पित कर देती हूूॅं
जहाँ भी हो आप
अपना आशीष देते रहना !!!
भावांजली
जवाब देंहटाएंसादर
interesting . we should not abuse girl child . rather girl child is equal to boy child. MOUTH WATERING RECIPES OF INDIA
जवाब देंहटाएंwe should not abuse girl child
जवाब देंहटाएंin todays world girls are on higher success level as compared to boysAd Posting Job
badhiya post
जवाब देंहटाएंKya aap book publish krana chahti hain mam
Publish a Books In India
जी मेरी एक पुस्तक अर्पिता के नाम से प्रकाशित हो चुकी है ....
हटाएंआभार आपका 🙏
Kaafi behtreen rachna hai... man bhavuk ho gaya padh kar....
जवाब देंहटाएंgood luck from Winsant Online Shopping Website
भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंbahut hi achha, nice article, thanks for sharing with us,
जवाब देंहटाएंZee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara
Zee Talwara