बड़ा नज़दीक का रिश्ता है
जिन्दगी से जिन्दगी का
इसके बिना
जिन्दगी के अर्थ
समझ ही नहीं आते
व्यर्थ लगता है
सबकुछ
...
जिन्दगी की आंखों में
आंखे डालकर जब भी कभी
जिन्दगी हंसती है सपने सजाती है
अपनी उंगलियों से उसका
सर सहलाती है
समझती है उसके
मौन संवाद को
पढ़ती है उसकी आंखो में प्यार को
बेखौफ़ होकर सौंप देती है खुद को वो
उसकी हथेलियों में
फिर चाहे वो कितना भी उछाले
हवा में उसको
उसके चेहरे पर मुस्कान होती है
आंखों में झांकता है विश्वास
वो उसे संभाल लेगी
...
जिन्दगी से जिन्दगी का
इसके बिना
जिन्दगी के अर्थ
समझ ही नहीं आते
व्यर्थ लगता है
सबकुछ
...
जिन्दगी की आंखों में
आंखे डालकर जब भी कभी
जिन्दगी हंसती है सपने सजाती है
अपनी उंगलियों से उसका
सर सहलाती है
समझती है उसके
मौन संवाद को
पढ़ती है उसकी आंखो में प्यार को
बेखौफ़ होकर सौंप देती है खुद को वो
उसकी हथेलियों में
फिर चाहे वो कितना भी उछाले
हवा में उसको
उसके चेहरे पर मुस्कान होती है
आंखों में झांकता है विश्वास
वो उसे संभाल लेगी
...
यही विश्वास तो दोनों के रिश्ते को प्रगाढ़ करता है .... बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंbahut sundar.....behtarin
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर......
जवाब देंहटाएंसस्नेह
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंप्यारी रचना...
:-)
आंखों में झांकता है विश्वास
जवाब देंहटाएंवो उसे संभाल लेगी ....
बहुत अच्छी रचना ....
संगीता जी की बात से सहमत यशी विश्वास ही दोनों के रिश्ते को प्रगाढ़ करता है। सुंदर भाव मयी भावपूर्ण अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंअत्यंत स्नेहिल रचना...
जवाब देंहटाएंlovely creation..
जवाब देंहटाएंआज 14/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...जिंदगी का अहसास लिए
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbehad sundar aur pyari rachna....
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यार भरी रचना ............बहुत पसंद आई
जवाब देंहटाएंbahut sunder
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाएँ पसंद आयी लिखते रहें....
जवाब देंहटाएंबेखौफ़ होकर सौंप देती है खुद को वो
जवाब देंहटाएंउसकी हथेलियों में
फिर चाहे वो कितना भी उछाले
हवा में उसको
उसके चेहरे पर मुस्कान होती है
आंखों में झांकता है विश्वास
वो उसे संभाल लेगी
सही कहा अपने विश्वास करना तो कोयी बच्चों से सीखे ।