पाकर तुझको खुश है
आज मां इतनी
गुनगुना रही
कोई लोरी ममता भरी
चांदनी भी
चांद तारों के संग
जगमगा के
बिखेरती रौशनी मद्धम सी
आ जाए निंदिया
नींद से बोझिल नयनों में
झूला तेरा झुलाती पवन
आती जाती
तेरे चेहरे पे आती जब
मुस्कान
उसको सारी दुनिया की
खुशियां मिल जाती ।
behad sundar rachana ..........atisundar
जवाब देंहटाएंलोरी को तो लोग भूल ही गये थे।
जवाब देंहटाएंआपने बहुत सुन्दर लोरी पोस्ट की है।
बधाई!
मुझे वो लोरी याद आ रही है जो मै अपनी बेटी को सुनाता था ..नन्ही कली सोने चली हवा धीरे आना .. ।
जवाब देंहटाएंमुझे आपकी ये रचना बहुत पसंद आई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लोरी है लाडली कैसे नहीं सोयेगी इसे सुन कर तो हमे नीन्द आ रही है बधाई
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