गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

ये खिलौने सी ....


मेरे घर की चौखट

आज जगमगाई

देखो नन्‍ही परी

मेरे घर आई

इसके आने से

आया इसका पलना भी

नाचने वाला बन्‍दर भी

साथ आई इक गु‍डि़या भी

इसके लिये आये

इतने खिलौने,

पर हम सबके लिये

बन के आई ये खिलौने सी

इसकी नासमझ आने वाली बोली भी

दिल को छू जाती

हम हंस पड़ते जब

तब ये भी मुस्‍काती

आंखे उनींदी हो जाती मां जब

इसकी लोरी गाती

कहने को इसकी ढेरों बातें

मेरे घर की चौखट आज ......।