गुरुवार, 1 नवंबर 2012

तुम्‍हारे बारे में ...!!!

मां सोचती हूँ कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में
जब भी तो बस यही ख्‍याल आता है
क्‍या कभी शब्‍दों में व्‍यक्‍त हो सकता है
तुम्‍हारा प्‍यार  तुम्‍हारा समर्पण,
तुम्‍हारी ममता
तुम्‍हारा निस्‍वार्थ भाव से किया गया
हर बच्‍चे से समानता का स्‍नेह
.......
मां तुम्‍हारा उदाहरण जब भी दिया
देव मुस्‍कराये पवन शांत भाव से बहने लगी
नदिया की कलकल का स्‍वर मधुर लगने लगा
हर शय छोटी प्रतीत होती है उस वक्‍त
जब भी बाँहें फैलाकर जरा-सा तुम मुस्करा देती हो 
सोचती हूँ जब भी कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में
.....
खुशियों का अर्थ मेरे लिये
तुम्‍हारी मुस्‍कान होती है मां
तुम्‍हें पता है तुम्‍हारी उदासी
मेरी हँसी छीन लेती है
तुम्‍हारे आंसू
झंझोड़ देते हैं मेरा अन्‍तर्मन
बेबस हो जाती हूँ उन लम्‍हों में
जिनमें तुम्‍हारे विश्‍वास का
खून होता है
सोचती हूँ जब भी कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में !!