जब भी लड़खड़ा के
मां को जाने
क्यों लगता हैं
मैं गिर जाऊंगी
सच में
अंकल
मैं गिर भी जाती
जब
वो खुद दौड़ पड़ती
अपने गिरने की
परवाह किये बगैर
तब नानी कहती
अरे संभल के
गिर मत
जाना बेटा
पर मां को तो लगता
कहीं मैं रो ना दूं
और मैं मां को दौड़ते देख
चुपचाप एकदम
खामोश रह जाती
तब वह
खुद रो पड़ती
बेटा कहीं लगी तो नहीं
पूछती जाती
और उसके
आंसू बहते जाते .....।