शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

मां कह दो ...


















शब्‍दों को अर्थ देने का मन करे
तो मां कह दो
जब कुछ करने में असमर्थ हो
तो मां कह दो
चोटिल हो मन से तन से
तो मां कह दो
सुकून की तलाश हो जब
तो मां कह दो
तुम्‍हें कुछ भी असंभव लगे जब
तो मां कह दो
सज़दे में हो जब भी
तो मां कह दो
रक्षा के मंत्र जब अभिमंत्रित करने हो
तो मां कह दो
सुन लेती है मन की आवाज दूर से भी
जो मां कह दो ...
रूठकर भी हंस देती है जो प्‍यार से तुम
मां कह दो ... 

'' सच मां शब्‍द कितना जादू करता है न ''