गुरुवार, 24 मार्च 2011

कड़ी धूप ...
















दर्द सहकर
मुस्‍कराती है
बहते हैं आंसू
जब मां के
बच्‍चों से छिपाती है
कड़ी धूप में
खुद नंगे सिर हो
तो कोई बात नहीं
दामन से अपने
लाल को ढंककर
झुलसने से बचाती है ...।।

मंगलवार, 15 मार्च 2011

नये रंग में ...!!
















मां हर बार तुम
वही रंग ले आती हो
नीला और पीला
हरा और गुलाबी
इस बार कोई
रंग नया लाओ तो
मुझको रंगना है तुमको
भी उस रंग में .....।
हर बार होली के दिन
तुम रसोई में
पकवानों की खुश्‍बू के बीच
छिप जाती हो
इस बार सारे पकवान
बनने के बाद ही
मैं रंग घोलूंगी
रंगना होगा तुम्‍हें भी
उस नये रंग में ....।
तब तुम्‍हारा कोई बहाना
काम नहीं करेगा
गुलाल का टीका
मेरे गालों पर लगाकर
सटाना तुम्‍हारा वो गाल
मुझे थोड़ी देर के लिये
रोक तो देगा
पर तुम्‍हें रंग तो खेलना होगा
बोलो खेलोगी न मां ...
मेरे साथ
उस नये रंग में ...।

मंगलवार, 8 मार्च 2011

कोख में पली हूं नौ माह मैं भी तो मां ...












रस्‍म के नाम पर, रिवाज के नाम पर जाने,

कब तक होती रहेगी यूं ही कुर्बान जिंदगी ।

पोछकर अश्‍क अपनी आंख से पूछती जब,

बेटी मां से क्‍यों दी मुझे तूने ऐसी जिंदगी ।

मेरा कोई दोष जो मुझे मिला ये कन्‍या जन्‍म,

क्‍या दर्द, और वेदना बनके रहेगी ये जिंदगी ।

तेरी कोख में पली हूं नौ माह मैं भी तो मां,

आ के धरा में करती हूं मैं तेरी भी बंदगी ।

माना की पराई हूं सदा से लोग कहते आये,

पीर मेरी समझ ली बिन कहे तुमने दी जिंदगी ।

तिरस्‍कृत हुई सहा अपमान भी मैने, नहीं छोड़ा,

फिर भी मैने ईश्‍वर इसे जो मिली मुझे जिंदगी ।

दूंगी संदेश जन-जन को मैं, करूंगी सार्थक जीवन को,

अभिशाप नहीं वरदान अब बेटी बचाओ इसकी जिंदगी ।

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

मां आओ न ...














उसे जब भी
मेरे आंचल में छुपना होता
कहती मां
देखो धूप कितनी तेज है
और मेरे आंचल में
आकर छुप जाती ....
उसकी इस
शैतानी पर मैं
सिर्फ मुस्‍करा के रह जाती ...
उसे जब भी
कुछ खाना होता
बड़े प्‍यार से मेरे पास आती
मां आज तुमने
पानी भी नहीं पिया
तुम्‍हें भूख नहीं लगती
मुझे तो
बहुत जोर की भूख लगी है
थोड़ा खाने को दो न ...
हर समय
वह कोई न कोई
धमाल करती ही रहती
कभी दीदी का
दुपट्टा लेकर आ जाती
मां मुझे
भी साड़ी पहनाओ न ...
जब भी मैं
उसे पढ़ने को कहती तो
वह शुरू हो जाती
वन..थ्री ..सेवन ...टेन ..
बस अब हो गया
पैर पकड़कर शुरू हो जाती
मेरा पैर दुखता है
मां नींद आ रही है
सोने चलो न ....
इसकी शै‍तानियों के आगे
मेरी एक नहीं चलती
जब तक इसकी बात न मानो
सांस नहीं लेती
पुकारती ही रहती
मां आओ न ...मेरी प्‍यारी मां ....