![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEij1lX47lR3q3VqjJDVHvyiThFG2TWEl9lVgrRkU84HFkhnPKvymJwwKBdB4ShjdoXs1VrMAnBbCeOK7ibBKtJVaQk3a26LKbnucL2czvr2WCUhSBc2fbCf0QICtCh0jncXIJN3-qiGsMDO/s200/Nat_Hindi.jpg)
जाने दो मां
मुझको भी पढ़ने,
जाने कितने
अक्षर हैं मुझको गढ़ने,
पढ़ना लिखना
बहुत जरूरी है
नहीं तो
करना पड़ता
सिर्फ मजूरी है
तुम भी पढ़ पाती
तो पूरी मजूरी
मिलती तुम्हे
मैं घर का सारा
काम करूंगी
पढ़कर भी
तुम्हारा ही
नाम करूंगी
वक्त अपना बिल्कुल
न बर्बाद करूंगी
मां मुझको भी दिला दो
एक किताब
जिसमें लिखा हो
सारा हिसाब
क्या खोया क्या पाया
या
सारा जीवन यूं ही गंवाया !
आगे बढ़ने के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है ..सुन्दर सच कहती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंbachchon ke mansik soch ka sundar chitran
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल रचना ह आपका सा़ारता अभियान बहुत सफल रहेगा शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमां मुझको भी दिला दो
जवाब देंहटाएंएक किताब
जिसमें लिखा हो
सारा हिसाब
क्या खोया क्या पाया
या सारा जीवन यूं ही गंवाया !
बहुत गहरी बात कह दी ...काश की सभी अभिभावक यह प्रण कर लें की अपनी बेटी के जीवन के हिसाब में कोई खालीपन ना आये...अपने जीवन की सार्थकता को महसूस कर पाए ...!!
बेहद सुन्दर सन्देश देती बहुत ही खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंअपना साक्षरता अभियान मे काम करने का ज़माना याद आ गया । बेटियो के पढने पर मैने भी लिखी है एक 10 पेज की लम्बी कविता ।
जवाब देंहटाएं