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कभी मां गौरेया कहती,
कभी कहती नन्हीं चिडिया
कभी कहती शैतान
मां के यह प्यारे
सम्बोधन सुनकर
मैं रह जाती हैरान
मेरी पलकों के सपने
जाने कब
वह अपनी आंखों में ले लेती
और मुझे सिर्फ
हौसला देती आगे बढने का
अपने पंखों में मुझको छुपा कर
मुझे हर तूफान से बचाती
और मेरे लिये तो
बस सारी दुनिया वही हो जाती
मेरे हर सवाल का जवाब
उसके पास होता था
सिवाय इस के
जब मैं भावुक होकर कहती
तुम बहुत अच्छी हो
तो एक मुस्कान के साथ कहती
बेटा हर मां
अपने बच्चे के लिये
अच्छी होती है
और हर बच्चा
अपनी मां का प्यारा होता है ...
बुरे तो बस हालात हो जाते हैं
जिनके आगे
हम लाचार हो जाते हैं ...।
हौसला देती आगे बढने का
जवाब देंहटाएंअपने पंखों में मुझको छुपा कर
मुझे हर तूफान से बचाती
और मेरे लिये तो
बस सारी दुनिया वही हो जाती
बहुत सुंदर .....माँ से अच्छा कौन होता है.....
बहुत ही सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंvery touching creation !
जवाब देंहटाएंसचमुच, तुम बहुत अच्छी हो ... ... .
जवाब देंहटाएंmaa kitna sach kahti hai ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंआपकी इस खूबसूरत पोस्ट की चर्चा तो बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2011/02/34.html
माँ से अच्छा कौन होता है|बहुत सुन्दर रचना|
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 01-03 - 2011
जवाब देंहटाएंको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
बहुत सुन्दर कविता प्रस्तुत की है आपने ...
जवाब देंहटाएंमां से प्यारा और कौन सा रिशता है.... कोई नहीं जानता..
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव समेटे रचना.
और हर बच्चा
जवाब देंहटाएंअपनी मां का प्यारा होता है ...
बुरे तो बस हालात हो जाते हैं
जिनके आगे
हम लाचार हो जाते हैं ...।
बहुत संवेदनशील सुन्दर कविता लिखी है आपने ...
बेटा हर मां
जवाब देंहटाएंअपने बच्चे के लिये
अच्छी होती है
और हर बच्चा
अपनी मां का प्यारा होता है ...
बुरे तो बस हालात हो जाते हैं
जिनके आगे
हम लाचार हो जाते हैं ...
बहुत भावपूर्ण और सार्थक रचना..बहुत सुन्दर