तेरी गोद ने
ममता और दुलार के साथ ही
मां मुझे सिखलाया है
कठिनाईयों से लड़ना,
हालात कितने भी बुरे हों
उनसे लड़कर उबरना
जाने कितने ऐसे पल दिये
मुझको
जिनसे संवारती हूं
मैं अपनों की खुशियां
साकार होते देखती हूं मैं
तेरी दी हुई शिक्षा ने
दिया है एक विशाल हृदय
समेटने को दर्द, आंसू,
सहेजने को विश्वास
लुटाने को ममता, दया
कठोरता का आवरण ओढ़कर भी
भीतर से
बिल्कुल फूलों सी
कोमल ही हूं .....।