शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

मां जब भी ...













मां जब भी सज़दे में होती है,
उसकी आंखे नम हो जाती है

कहती है मेरे अश्को को जाने दे,
तेरी बलाएं तो कम हो जाती हैं

7 टिप्‍पणियां:

  1. इस दुनियाँ में माँ का कोई विकल्प नहीं !
    ममता से भरी भाव पूर्ण पंक्तियाँ !

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  2. वाह ..बहुत सुन्दर ..हर माँ यही सोचती है

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  3. बहुत बहुत बहुत सुन्दर
    एक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !

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  4. बेहद सुन्दर रचना.........
    शुभकामनाओं सहित....
    बधाई.....

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