तेरी नन्हीं आंखों के सपने,
मेरी आंखों में बसते हैं,
है मेरी हर दुआ तेरे लिए
मुस्कान तेरी,
आंसू मेरे
रोज जाने कितने
जतन करती हर जगह
तेरी खुशियां ढूंढती हूं
सजाती हूं ख्वाब
आंखों ही आंखो
हर आने वाले पल में
तू जब
खुश होकर हंसने लगती
नजर तुझको
लग न जाये मेरी ही
बचाने को
काजल का टीका तुझे लगा देती
फिर तुझे बेफिक्र होकर मैं हंसने देती
बच गई मेरी लाडो बुरी नजर से